जानकर भी अनजाना सा लगता है
हर शख्स अब बेगाना सा लगता है
खुदगर्जी रिस्तो का सबब है ‘मयूर’
हर शख्स अब बहाना सा लगता है
—– મયુર ‘અભણ’—–
जानकर भी अनजाना सा लगता है
हर शख्स अब बेगाना सा लगता है
खुदगर्जी रिस्तो का सबब है ‘मयूर’
हर शख्स अब बहाना सा लगता है
—– મયુર ‘અભણ’—–